कविता.... अस्तित्व


नाम- राखी काम्बोज
शोधार्थी- चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालया, मेरठ 

अस्तित्व
मेरा होना, मेरे अस्तित्व का होना है,
यह बात मुझे समझनी है ,
तेरे अस्तित्व के महत्व को भी समझना है,
मेरा अस्तित्व है ,यह तू ही मुझे बताता है, 
जब मैं कोई नया कार्य करती हूं
उस कार्य की प्रशंसा तू ही करता है
मेरा होना ही मेरा अस्तित्व है ,
कैसे मान लूं? मैं!     
सच तो  
तेरा होना ही ,मेरे अस्तित्व की महत्ता है,
 मेरा अस्तित्व मेरे लिए महत्वपूर्ण है
तेरा अस्तित्व तेरे लिए महत्वपूर्ण है 
तेरे अस्तित्व के होने का एहसास मुझे कराना है ,
 मेरे होने का एहसास तुझे कराना है,
 तु सहयोगी हो या विरोधी हो
अस्तित्व तो दोनों का बरकरार रहना है
हे समाज! फिर तुझे दोनों को ही स्वीकारना है।
एक के भी अस्तित्व को नकार के
खतरा तो समाज को ही उठाना है।।

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